Godhan Nyay Yojana in Chhattisgarh | Gobar Kharid Yojana 2021 | गोधन न्याय योजना रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया | छत्तीसगढ़ गोधन न्याय स्कीम आवेदन फॉर्म | Godhan Nyay Scheme In Hindi | गोबर खरीद योजना
रायपुर : छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पशुपालकों को लाभ पहुँचाने के लिए “गोधन न्याय योजना” की शुरुआत की गई है। माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और गाँवो में रोजगार तथा पशुपालकों की अतिरिक्त आय को बढ़ाने के उद्देश से इस योजना को शुरू करने की घोषणा की थी । इस Godhan Nyay Yojana के तहत राज्य सरकार द्वारा अब गांवों से निर्धारित दर (मूल्य) पर गौठान समितियां पशुओं का गोबर खरीदेने का कार्य किया जा रहा है ।
राज्य के महत्वकांक्षी कार्यक्रम नरवा, गरुवा, घुरुआ और बाड़ी के स्वीकृत गोठानो को रोजगारमुखी बनाने हेतु “गौधन न्याय योजना” का अनुमोदन किया गया । प्रदेश में हरेली पर्व से इस स्कीम की शुरुआत की जा चुकी है । जिसके लिए अब (2020) तक 5300 गोठान स्वीकृत किये जा चुके है, जिनमे से ग्रामीण क्षेत्रों में 2408 और शहरी क्षेत्रों में 377 गोठान बन चुके है।
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Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana 2021
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा शुरू की जा रही गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के किसानों व पशुपालकों से 1.5 रुपए/किलो की दर से गोबर (Cow dung) की खरीद की जायेगी । इस योजना को राज्य में हरेली त्यौहार के मौके पर 21 जुलाई 2020 को आधिकारिक रूप से शुरू किया जाएगा । योजना शुरू होने के बाद छत्तीसगढ़ देश का पहला एकमात्र ऐसा राज्य होगा जो की गोबर की खरीद शुरू करेगा।
Key Highlights of Godhan Nyay Yojana Chhattisgarh
योजना का नाम | छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना |
इनके द्वारा शुरू की गयी | छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा |
घोषणा | मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा |
लॉन्च की तारीख | 21 जुलाई 2020 |
लाभार्थी | छत्तीसगढ़ राज्य के किसान और पशुपालक |
उद्देश्य | किसानों और पशुपालकों को अतिरिक्त आय के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना और वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन को बढ़ावा देना |
गौधन न्याय योजना के लाभ:
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा शुरू की जा रही इस Godhan Nyay Scheme के माध्य से किसानों और पशु पालन का कार्य करने वाले लाखों लोगों को प्रति माह 3 से 4 हजार रूपये की अतिरिक्त आय प्राप्त हो सकेगी। इसके अलावा सरकार इस गोबर की खरीद कर इससे वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करेगी। इस खाद का उपयोग जैविक तरीके से खेती करने वाले किसान अपने खेतों में कर फसल उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकेंगे। इसके अलावा अन्य लाभ निम्नलिखित रूप से है…
- इस योजना के तहत किसानों और पशुपालकों से निर्धारित दर पर गोबर की खरीद की जायेगी .
- गौधन के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा .
- ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नये अवसर पैदा हो सकेंगे और महिलाओं को रोजगार मिलेगा.
- किसानों और पशुपालकों को अतिरिक्त आय के साथ -साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी
- राज्य में जैविक खेती के विकास में योगदान मिलेगा तथा खेती की जमीन की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद मिलेगी .
- वर्मी कम्पोस्ट खाद के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी .
इस प्रकार रहेगा योजना का क्रियान्वयन और रूपरेखा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रथम चरण में राज्य के 2200 गौठानों में गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा । जिलों में स्थित सभी गौठानों के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग का कार्य जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा । इसके अलावा कलेक्टरों को मनरेगा से गौठानों में वर्मी टैंक बनवाने और वर्मी खाद प्रसंस्करण के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का दायित्व दिया गया है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला स्तर पर गोधन न्याय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे। गौठान समितियों की ओर से पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जाएगी। प्रतिदिन इसका लेखा-जोखा रखा जाएगा। स्व-सहायता समूह की ओर से तैयार किए गए वर्मी खाद के गुणवत्ता परीक्षण के बाद इसकी पैकेजिंग और भंडारण गौठानों में किया जाएगा। सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को वर्मी कम्पोस्ट का विपणन किया जाएगा। गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, वन विभाग और शहरी विकास विभाग द्वारा अपनी जरूरत के अनुसार खरीदा जाएगा।
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के जरूरी दस्तावेज एवं पात्रता लिस्ट
- आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- केवल राज्य के गाय पशुपालको को ही पात्र माना जायेगा।
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
- समृद्ध लोगों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा।
गोधन न्याय योजना समीक्षा
छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित गोधन न्याय योजना के लागू होने से पशुपालक व किसानों की आय में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस स्कीम से जहां एक तरफ पशुपालकों को अतिरिक्त आमदनी का स्त्रोत मिला है। वहीं दूसरी और इससे वर्मी कंपोस्ट तैयार करने के काम में भी बढ़ोतरी हुई है।
- इस योजना के लिए प्रदेश के वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में 175 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- वर्तमान में प्रदेश में तकरीबन 7 हजार 850 स्व-सहायता समूह गोठानो का संचालन किया जा रहा है।
- स्व सहायता समूहों द्वारा अब तक 71 हजार 300 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा चुका है।
- गोधन योजना के तहत अब तक गोबर खरीद के लिए गोबर विक्रेता किसानों, पशुपालकों व संग्राहकों को लगभग 80 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।
- इस स्कीम से जुड़े 60 हजार से भी अधिक सदस्यों को वर्मीखाद उत्पादन, गोबर के निर्माण से जुड़े विभिन्न कार्यों से 9 करोड़ 42 लाख की आय की जा चुकी है।
योजना सम्बन्धी महत्वपूर्ण प्रश्न -उत्तर – FAQ
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा गोठानो को रोजगारमुखी बनाने हेतु शुरू की गई एक महत्वकांक्षी सरकारी योजना है, जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा राज्य के पशुपालकों और किसानों से गोबर खरीदा (Gobar Kharida) जाएगा ।
छत्तीसगढ़ में गोधन योजना की शुरुआत आधिकारिक तौर पर हरेली पर्व (21 जुलाई 2020) से होने जा रही है.
किसानों व पशुपालकों से 1.5 रुपए/किलो की दर से गोबर खरीदा जाएगा.
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